(PhysOrg.com) – वैज्ञानिक बताते हैं कि नेपच्यून और यूरेनस ग्रहों के लिए तरल हीरे के महासागरों को समाहित करना कैसे संभव हो सकता है। जब हीरा पिघलाया जाता है तो यह जमने और पिघलने के दौरान पानी की तरह व्यवहार करता है, जिसमें ठोस रूप तरल रूपों के ऊपर तैरते रहते हैं।